केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय के अनुसार 50% पात्र ग्रामीण परिवारों के पास अब सुरक्षित पीने का पानी की सुविधा है जो नलों के द्वारा पहुचाई जा रही है ।
- 28 मई 2022 को जारी एक रिपोर्ट में मंत्रालय ने कहा कि गोवा, तेलंगाना, अदमान और निकोबार द्वीप समूह, दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव, पुडुचेरी और हरियाणा ने पहले ही 100% घरेलू कनेक्शन हासिल कर लिया है।
- पंजाब, गुजरात, हिमाचल प्रदेश और बिहार में 90% से अधिक का कवरेज है और ‘हर घर नल से जल’ का दर्जा प्राप्त करने की दिशा में तेजी से प्रगति कर रहे हैं।
- जल शक्ति मंत्रालय ने कहा कि नौ करोड़ पचास लाख से अधिक ग्रामीण परिवारों के पास अब उनके परिसर में नल के पानी के कनेक्शन हैं।
- 2020 में गोवा हर घर नल से जल के तहत 100% घरेलू अभिसरण के लक्ष्य को प्राप्त करने वाला पहला राज्य बना था।
जल जीवन मिशन (जेजेएम )
- यह एक केंद्र द्वारा प्रायोजित एक फ्लैगशिप कार्यक्रम है
- इसे भारत सरकार द्वारा 15 अगस्त 2019 को राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल मिशन की जगह लॉन्च किया गया था।
- यह योजना केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित की जा रही।
- यह मिशन एक बॉटम-अप दृष्टिकोण का अनुसरण करता है जहां पंचायतें मिशन की योजना और निष्पादन में शामिल होती हैं।
योजना का उद्देश्य
- हर घर नल से जल योजना के तहत मिशन का लक्ष्य 2024 तक हर ग्रामीण परिवार को पीने योग्य, गुणवत्तापूर्ण पेयजल उपलब्ध कराना है।
- इसमें प्रत्येक पात्र घर को निरंतर पेयजल एक कार्यात्मक घरेलू नल कनेक्शन द्वारा प्रदान किया जाएगा।
- जेजेएम का लक्ष्य 55 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन की दर से सेवा स्तर के साथ प्रत्येक घर को कार्यात्मक घरेलू नल कनेक्शन प्रदान करना है।
जल जीवन मिशन का फंडिंग पैटर्न
जेजेएम की कुल अनुमानित लागत रु. 3.60 लाख करोड़ है ।
फंड शेयरिंग पैटर्न इस प्रकार है
- हिमालयी राज्यों ((उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश) के लिए केंद्र 90% योगदान देगा जबकि राज्य 10% प्रदान करेगा।
- केंद्र शासित प्रदेशों के लिए केंद्र 100% धनराशि प्रदान करेगा
- बाकी राज्यों के लिए लागत को केंद्र और राज्य के बीच 50:50 में बांटा गया है।
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री: गजेंद्र सिंह शेखावाट
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