प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी विदेशी नेताओं के साथ एक व्यक्तिगत दोस्ताना सम्बन्ध बनाने के लिए जाने जाते हैं। इससे भारत को अपनी विदेश नीति को सुचारू रूप से चलाने में मदद मिलती है ।
प्रधान मंत्री की व्यक्तिगत कूटनीति के विशिष्ट लक्षणों में से एक खूबी उनकी उपहार देने की है । वे उन उपहार वस्तुओं को चुनते है जो भारत की समृद्ध और विविध विरासत और इसके विभिन्न क्षेत्रों की विशिष्ट परंपराओं को दर्शाते हैं ।
3-4 मई 2022 को डेनमार्क की अपनी यात्रा के दौरान जहां उन्होंने दूसरी भारत नॉर्डिक शिखर बैठक में भाग लिया और उन्होंने अपने समकक्षों को अद्वितीय उपहार प्रस्तुत किए
- डेनमार्क की रानी श्रीमती मार्ग्रेथ को उपहार: रोगन पेंटिंग। यह गुजरात के कच्छ क्षेत्र में प्रचलित कपड़ा चित्रकला की एक कला है।
- डेनमार्क की क्राउन राजकुमारी श्रीमती मैरी को उपहार: वाराणसी की एक चांदी की मीनाकारी की हुई पक्षी की आकृति।
- डेनमार्क के क्राउन प्रिंस फ्रेडरिक को उपहार: छत्तीसगढ़ की एक ढोकरा नाव। ढोकरा एक अलौह धातु कास्टिंग शिल्प है जो खोई हुई मोम की ढलाई तकनीक का उपयोग करता है, जो भारत में 4,000 से अधिक वर्षों से उपयोग में है।
- डेनमार्क के प्रधान मंत्री, मेटे फ्रेडरिकसेन को उपहार: कच्छ क्षेत्र की कढ़ाई की गयी दीवार पर लटकाने वाली कलाकृति है ।
- नॉर्वे के प्रधान मंत्री, जोनास गहर स्टोर को उपहार: राजस्थान से कोफ्तगिरी कला में बनाई गयी एक ढाल।
- स्वीडन के प्रधान मंत्री, मैग्डेलेना एंडरसन को उपहार: जम्मू और कश्मीर की पश्मीना स्टॉल जो एक पपीयर माचे बॉक्स में था ।
- फ़िनलैंड की प्रधान मंत्री सना मारिन को उपहार: राजस्थान की पीतल से बनी जीवन का पेड़।
भारत-नॉर्डिक शिखर बैठक के लिए कृपया 4 मई 2022 की पोस्ट देखें
https://www.testwale.com/current-affairs/hindi/prime-ministers-gift-diplomacy/