भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने 4 मई 2022 को घोषणा की है , की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने बढ़ती मुद्रास्फीति के बीच , नीतिगत रेपो दर में 40 आधार अंकों (0.40%) की वृद्धि करने का निर्णय लिया है।
गवर्नर ने कहा कि अप्रैल का मुद्रास्फीति सूचकांक भारत में उच्च खाद्य मुद्रास्फीति की स्थिति को इंगित करता है और निकट भविष्य में इसके जारी रहने की संभावना है।
आरबीआई द्वारा घोषित कदम
नीतिगत दरें
- रेपो रेट को तत्काल प्रभाव से 4% से बढ़ाकर 4.4% कर दिया गया है । यह पिछले दो वर्षों में पहली बार है जब एमपीसी ने रेपो दरों में वृद्धि की है। रेपो रेट पिछली बार अगस्त 2018 में बढ़ाया गया था।
- रिवर्स रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं हुआ और यह 3.35% है।
- स्थायी जमा सुविधा (एसडीएफ) को 3.75% से बढ़ाकर 4.25% कर दिया गया है। एसडीएफ पर दी जाने वाली ब्याज दर हमेशा रेपो दर से 0.25% कम होती है
- सीमांत स्थायी सुविधा को 4.25% से बढ़ाकर 4.65% कर दिया गया है। इसे रेपो रेट से 0.25 फीसदी ऊपर रखा गया है।
- बैंक दर को 4.25% से बढ़ाकर 4.65% कर दिया गया है। बैंक दर और सीमांत स्थायी सुविधा हमेशा आरबीआई द्वारा समान रखी जाती है।
आरक्षित अनुपात
- नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) को 0.50% बढ़ाकर 4% से 4.50% कर दिया गया है। यह 21 मई से लागू होगा। इससे बाजार से लगभग 87000 करोड़ रुपये की तरलता कम होने की उम्मीद है।
- वैधानिक तरलता अनुपात (एसएलआर) में कोई बदलाव नहीं किया गया है। यह 18% है
आरबीआई की घोषणा के अन्य महत्वपूर्ण बिंदु
- आरबीआई को उम्मीद है कि 2022-23 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 7.2% की वृद्धि दर रहेगी । इससे पहले के पूर्वानुमान में आरबीआई ने भारतीय अर्थव्यवस्था में 7.8 % की वृद्धि दर उम्मीद की थी।
- आरबीआई ने 2022-23 में अपने मुद्रास्फीति अनुमान को 4.5% से संशोधित करके 5.7% कर दिया है।
- अप्रैल में बाजार में औसत अधिशेष तरलता लगभग 7 लाख करोड़ थी।
नोट: 100 आधार अंक (बीपीएस) 1% के बराबर होता है।
मौद्रिक नीति समिति के लिए कृपया 3 मई 2022 की पोस्ट देखें
8 अप्रैल 2022 की पोस्ट भी देखें
https://www.testwale.com/current-affairs/hindi/rbi-increases-repo-rate-and-crr-to-tackle-rising-inflation/