20वीं पशुधन गणना के आधार पर नस्ल के अनुसार पशुधन और पोल्ट्री रिपोर्ट जारी

 


केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन तथा डेयरी मंत्री श्री पुरुषोत्तम रूपाला ने 12 मई 2022 को नई दिल्ली में 20वीं पशुधन गणना के आधार पर नस्ल के अनुसार पशुधन और पोल्ट्री रिपोर्ट जारी की है। 

महत्वपूर्ण तथ्य :  

  • श्री रूपाला ने पशुधन को उन्नत बनाने के लिए रिपोर्ट के महत्व पर प्रकाश डाला और नीति-निर्धारकों तथा शोधकर्ताओं के लिए इसकी उपयोगिता पर बल दिया है। नस्ल के अनुसार डाटा संग्रह करने का काम 20वीं पशुधन गणना, 2019 के साथ किया गया।

  • देश में पहली बार नस्ल के अनुसार डाटा संग्रह का काम किया गया। डाटा एकत्रित करने का काम कागज के स्थान पर टैबलेट कंप्यूटर का इस्तेमाल करके किया गया।

  • राष्ट्रीय पशु आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो (एनबीएजीआर) की मान्यता के आधार पर पशुधन तथा पोल्ट्री पक्षियों की गणना की गई।

नस्ल के अनुसार पशुधन तथा पोल्ट्री रिपोर्ट के मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं:-  

  • रिपोर्ट में एनबीएजीआर (राष्ट्रीय पशु आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो) द्वारा पंजीकृत 19 चयनित प्रजातियों की 184 मान्यता प्राप्त स्वदेशी / विदेशी और संकर नस्लों को शामिल किया गया है।

  • रिपोर्ट में 41 मान्यता प्राप्त स्वदेशी मवेशी हैं जबकि 4 विदेशी/संकर नस्लें शामिल हैं।

  • रिपोर्ट के अनुसार कुल मवेशियों की आबादी में विदेशी और संकर पशु का योगदान लगभग 26.5 प्रतिशत है जबकि 73.5 प्रतिशत स्वदेशी और बिना वर्ग के मवेशी हैं।

  • कुल विदेशी/संकर मवेशियों में संकर होल्स्टीन फ्राइज़ियन (एचएफ) के 39.3 प्रतिशत की तुलना में संकर जर्सी का हिस्सा 49.3 प्रतिशत है।

  • कुल देशी मवेशियों में गिर, लखीमी और साहीवाल नस्लों का प्रमुख योगदान है।

  • भैंस में मुर्रा नस्ल का प्रमुख योगदान 42.8 प्रतिशत है, जो सामान्यतः उत्तर प्रदेश और राजस्थान में पाया जाता है।

https://www.testwale.com/current-affairs/hindi/breed-wise-livestock-and-poultry-report-released-on-the-basis-of-20th-livestock-census/

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