हॉकी इंडिया में आजीवन सदस्य और आजीवन अध्यक्ष के प्रावधान को दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा अवैध करार दिए जाने के बाद भारतीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष नरेंद्र बत्रा को इस्तीफा देना पड़ा ।
- नरेंद्र बत्रा ने हॉकी इंडिया के आजीवन सदस्य के रूप में भारतीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ा और जीता था।
- अदालत ने इस प्रावधान को अवैध घोषित कर दिया जिसके आधार पर उन्होंने चुनाव लड़ा, उनके पास इस्तीफा देने के अलावा कोई विकल्प नहीं था।
- दिल्ली कोर्ट ने यह फैसला 1975 विश्व कप हॉकी टीम के विजेता, पूर्व खिलाड़ी असलम शेर खान द्वारा दायर एक याचिका पर दिया। उन्होंने हॉकी इंडिया के आजीवन सदस्य के रूप में बत्रा की नियुक्ति को चुनौती दी थी ।
- उच्च न्यायालय ने माना कि राष्ट्रीय खेल संहिता के अनुसार आजीवन सदस्य और आजीवन अध्यक्ष का पद "अवैध" था और उच्च न्यायालय ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश एएस दवे की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय प्रशासकों की समिति (सीओए) की स्थापना की जो हॉकी इंडिया का फिलहाल प्रशासन देखेगा ।
भारतीय ओलंपिक संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनिल खन्ना संघ के कार्यवाहक अध्यक्ष होंगे।
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