केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत वाणिज्यिक खुफिया और सांख्यिकी महानिदेशालय (DGCI & S) द्वारा जारी आंकड़ों का हवाला दिया देते हुए शीर्ष कागज उद्योग निकाय आईपीएमए (इंडियन पेपर मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन) के अनुसार, भारत से कागज और पेपरबोर्ड का निर्यात वित्त वर्ष 2021-22 में लगभग 80 प्रतिशत बढकर रिकॉर्ड 13,963 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है ।
- आईपीएमए के अनुसार वित्त वर्ष 2016-17 में निर्यात 0.66 मिलियन टन से बढ़कर वित्त वर्ष 2021-22 में 2.85 मिलियन टन हो गया।
- इसी तरह मूल्य के लिहाज से निर्यात 2016-17 में 3,041 करोड़ रुपये से बढ़कर 2021-22 में 13,963 करोड़ रुपये हो गया।
- आईपीएमए ने कहा, 'मूल्य के लिहाज से कोटेड पेपर और पेपरबोर्ड के निर्यात में 100 फीसदी, अनकोटेड राइटिंग और प्रिंटिंग पेपर में 98 फीसदी, टिशू पेपर में 75 फीसदी और क्राफ्ट पेपर में 37 फीसदी की वृद्धि हुई है।
- भारत से कागज का निर्यात पिछले पांच वर्षों से बढ़ रहा है। भारत यूएई, चीन, सऊदी अरब, बांग्लादेश, वियतनाम और श्रीलंका को कागज निर्यात कर रहा है।
- पिछले दो वित्तीय वर्षों में, भारत मात्रा के मामले में कागज का शुद्ध निर्यातक बन गया है।
- 2020 में दुनिया में कागज का सबसे बड़ा निर्यातक चीन था जिसके बाद जर्मनी, संयुक्त राज्य अमेरिका, स्वीडन और फिनलैंड थे।
वाणिज्यिक खुफिया और सांख्यिकी महानिदेशालय (डीजीसीआईएंडएस)
- वाणिज्यिक जानकारी एवं सांख्यिकी महानिदेशालय, केंद्रीय वित्त मंत्रालय के अंतर्गत आता है।
- यह भारत के व्यापार सांख्यिकी और वाणिज्यिक सूचना के संग्रह, संकलन और प्रसार के लिए अग्रणी आधिकारिक संगठन है।
- इसकी स्थापना 1862 में हुई थी।
- इसका मुख्यालय: कोलकाता, पश्चिम बंगाल
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