गीतांजलि श्री अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार की पहली भारतीय विजेता हैं

 

गीतांजलि श्री, अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार  जीतने वाली पहली भारतीय लेखिका बनीं। उन्हें उनके हिंदी उपन्यास रेत समाधि के लिए अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार 2022 मिला। उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में जन्मी गीतांजलि श्री, दिल्ली की एक लेखिका हैं।

पहली बार किसी हिन्दी भाषा के किसी  उपन्यास को अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार के लिए चुना गया है ।

गीतांजलि श्री की पुस्तक, जिसका डेज़ी रॉकवेल द्वारा अंग्रेजी में अनुवाद किया गया था, प्रतिष्ठित 50,000 पाउंड के साहित्यिक पुरस्कार के लिए दुनिया भर के पांच अन्य खिताबों के साथ प्रतिस्पर्धा कर रही थी।

पुरस्कार राशि गीतांजलि श्री और उनकी अनुवादक डेज़ी रॉकवेल के बीच साझा की जाएगी।

अन्य पांच खिताब जिन्हें अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार के लिए चुना गया था:

  • बोरा चुंग द्वारा 'कर्सिड बन्नी’ (Cursed Bunny), कोरियाई से एंटोन हूर द्वारा अनुवादित; 
  • ए न्यू नेम: ‘सेप्टोलॉजी VI-VII'(A New Name: Septology VI-VII’ ) जॉन फॉसे द्वारा, नॉर्वेजियन से डेमियन सियर्स द्वारा अनुवादित;
  • हेवेन(‘Heaven’) 'मीको कावाकामी द्वारा, जापानी से सैमुअल बेट और डेविड बॉयड द्वारा अनुवादित;
  • क्लाउडिया पिनेरो द्वारा 'एलेना नोज़(‘Elena Knows’)', स्पैनिश से फ्रांसिस रिडल द्वारा अनुवादित; और
  • ओल्गा टोकार्ज़ुक द्वारा 'द बुक्स ऑफ जैकब'(‘The Books of Jacob), पोलिश से जेनिफर क्रॉफ्ट द्वारा अनुवादित।

गीतांजलि श्री की कृतियाँ

उन्होंने पांच उपन्यास लिखे हैं - माईतिरोहित, हमारा शहर उस बरस, खाली जगह  और रेत समाधि।

उनकी लघु कथाओं का संग्रह है - अनुूंज, वैराग्य, यहां हाथी रहते थे, और प्रतिनिधि कहानियां।

अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार

  • अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार हर वर्ष, एक पुस्तक के लिए प्रदान किया जाता है जिसका अंग्रेजी में अनुवाद किया गया हो और यूनाइटेड किंगडम या आयरलैंड में  प्रकाशित किया गया हो। 

फिक्शन के लिए बुकर पुरस्कार

  • फिक्शन के लिए बुकर पुरस्कार , अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार से अलग है।
  • यह पुरस्कार यूनाइटेड किंगडम या आयरलैंड में पुरस्कार के लिए नामित वर्ष में  प्रकाशित अंग्रेजी में लिखे गए सर्वश्रेष्ठ उपन्यास को प्रदान किया जाता है ।
  • यह पुरस्कार जीतने वाली पहली भारतीय अरुंधति रॉय थी जिनकी रचना द गॉड ऑफ स्मॉल थिंग्स के लिए  1997 में  मिली थी ।
  • अन्य भारतीय विजेता हैं; किरण देसाई को 2006 में उनकी रचना   द इनहेरिटेंस ऑफ लॉस के लिए(The Inheritance of Loss  ), और अरविंद अडिगा को 2008 में  उनकी रचना  द व्हाइट टाइगर (The White Tiger) के लिए।
https://www.testwale.com/current-affairs/hindi/geetanjali-shree-is-first-indian-winner-of-international-booker-prize/

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