भारत सरकार ने पेट्रोल में इथेनॉल सम्मिश्रण लक्ष्य को 2030 से घटकर 2025-26 तक कर दिया है । प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जैव ईंधन 2018 पर राष्ट्रीय नीति में कई संशोधनों को मंजूरी दी।
जैव ईंधन 2018 पर राष्ट्रीय नीति में स्वीकृत प्रमुख परिवर्तन इस प्रकार हैं:
- जैव-ईंधन के उत्पादन के लिये अधिक फीडस्टॉक्स को मंजूरी,
- पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथेनॉल के मिश्रण के लक्ष्य को 2030 से पहले 2025-26 में ही प्राप्त करना,
- मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत विशेष आर्थिक जोन (सेज)/निर्यातोन्मुख इकाइयों (ईओयू) द्वारा देश में जैव-ईंधन के उत्पादन को प्रोत्साहन,
- राष्ट्रीय जैव ईंधन समन्वय समिति (एनबीसीसी) में नए सदस्यों को जोड़ना,
- एनबीसीसी में नये सदस्यों विशेष मामलों में जैव-ईंधन के निर्यात की अनुमति देना, और
- राष्ट्रीय जैव-ईंधन समन्वय समिति की बैठकों के दौरान लिये गये निर्णयों के अनुपालन में नीति में कतिपय वाक्यों को काटना/संशोधित करना।
यह पहल अधिक से अधिक जैव ईंधन पैदा करके पेट्रोलियम उत्पादों के आयात को कम करने में मदद करेगी। चूंकि जैव ईंधन के उत्पादन के लिए कई और फीडस्टॉक्स की अनुमति दी गई है, ये संशोधन आत्मानबीर भारत को बढ़ावा देंगे और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के भारत के 2047 तक 'ऊर्जा स्वतंत्र' बनने के दृष्टिकोण को गति देंगे।
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा जून 2018 में "जैव ईंधन पर राष्ट्रीय नीति - 2018" अधिसूचित की गई थी।
जैव ईंधन कृषि उत्पादों के साथ हाइड्रोकार्बन आधारित ईंधन को मिलाकर प्राप्त किया जाने वाला ईंधन है।
गुड़ से प्राप्त इथेनॉल (गन्ने से चीनी के उत्पादन के दौरान उत्पादित) पेट्रोल के साथ मिलाया जाता है।
भारत सरकार के निर्धारित लक्ष्य
- 2022 तक इथेनॉल के साथ पेट्रोल का 10% सम्मिश्रण
- 2030 तक डीजल के साथ इथेनॉल का 10% सम्मिश्रण या बायोडीजल।