प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मध्य प्रदेश के स्टार्टअप को गति देने और इंदौर को स्टार्टअप राजधानी बनाने के लिए 13 मई 2022 को स्टार्टअप नीति का शुभारंभ किया। इस दौरान स्टार्टअप नीति का पोर्टल भी आरंभ किया, जो स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने में मदद करेगा।
स्टार्टअप नीति का उद्देश्य :
नवीन विचारों को विकसित करने के लिए युवाओं को प्रोत्साहित और प्रेरित करना।
नए तकनीकी व्यापार इन्क्यूबेशन केंद्रों की स्थापना को प्रोत्साहित करना।
राज्य में युवाओं के लिए रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देना।
उद्यमशीलता कौशल का विकास करके स्टार्टअप संस्कृति को मजबूत करना।
राज्य के युवाओं के बीच उद्यमिता गतिविधियों को बढ़ावा देना, जिससे राज्य भर में सतत और समावेशी सामाजिक आर्थिक विकास को सक्षम बनाया जा सके
स्टार्टअप नीति की मुख्य विशेषताएं :
किसी भी वित्तीय वर्ष के लिए संस्था का कारोबार, निगमन के बाद से, आईएनआर 25 करोड़ से अधिक नहीं होना चाहिए।
किसी इकाई को निगमन/पंजीकरण की तारीख से पांच साल की अवधि तक स्टार्टअप माना जाएगा, यदि यह एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के रूप में निगमित है या भारत में एक साझेदारी फर्म या सीमित देयता भागीदारी के रूप में पंजीकृत है।
इकाई को उत्पादों या प्रक्रियाओं या सेवाओं के नवाचार, विकास या सुधार की दिशा में काम करना चाहिए
राज्य महिलाओं के नेतृत्व वाले स्टार्टअप के लिए तीन वर्ष तक के ऋण पर 8% की ब्याज सब्सिडी के रूप में विशेष प्रोत्साहन प्रदान करता है, जो आईएनआर 5 लाख से अधिक नहीं है।
मध्य प्रदेश में स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र :
मध्य प्रदेश वेंचर फाइनेंस लिमिटेड (एमपीवीएफएल) की स्थापना स्टार्टअप्स को वेंचर कैपिटल फंड तक पहुंच प्रदान करने के लिए की गई है और इसे भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) से सैद्धांतिक मंजूरी मिली है।
स्टार्टअप इनक्यूबेटर सेल का प्रबंधन राज्य के नोडल अधिकारी द्वारा स्टार्टअप के लिए किया जाता है।
राज्य में लगभग 31 प्रतिशत स्टार्टअप भोपाल में और 44 प्रतिशत इंदौर में स्थित हैं।
मध्य प्रदेश में केंद्र सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त 1,937 स्टार्ट-अप हैं और उनमें से 45 प्रतिशत महिलाओं द्वारा चलाए जा रहे हैं।
मध्य प्रदेश :
मुख्यमंत्री : शिवराज सिंह चौहान
राज्यपाल : श्री मंगुभाई पटेल
यहाँ के इंदौर शहर भारत के सर्वाधिक स्वच्छ शहरों में शीर्ष पर कई वर्षों से रहा है।