भारत सरकार और संयुक्त राज्य अमेरिका की सरकार ने 23 मई 2022 को टोक्यो, जापान में एक निवेश प्रोत्साहन समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।समझौते पर भारतीय विदेश सचिव विनय क्वात्रा और स्कॉट नाथन, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, यूएस इंटरनेशनल डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन (डीएफसी) ने हस्ताक्षर किए।
- भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन 24 मई 2022 को टोक्यो में होने वाली क्वाड शिखर बैठक में भाग लेने के लिए टोक्यो में हैं।
- यह समझौता महत्वपूर्ण है क्योंकि यूक्रेन पर रूसी आक्रमण पर दोनों देशों के बीच असहमति और भारत द्वारा इसकी निंदा करने से लगातार इनकार के बावजूद भारत के प्रति संयुक्त राज्य की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
- यह निवेश प्रोत्साहन समझौता वर्ष 1997 में भारत सरकार और संयुक्त राज्य अमेरिका की सरकार के बीच हस्ताक्षरित निवेश प्रोत्साहन समझौते का स्थान लेगा ।
- अमेरिकी सरकार की विकास वित्त एजेंसी डीएफसी वर्तमान में भारत के लिए 4 अरब डॉलर के निवेश प्रस्तावों पर विचार कर रही है।
- डीएफसी या उनकी पूर्ववर्ती एजेंसियां 1974 से भारत में सक्रिय हैं और अब तक 5.8 बिलियन डॉलर की निवेश सहायता प्रदान कर चुकी हैं, जिसमें से 2.9 बिलियन डॉलर अभी होना बांकी हैं।
- यू.एस. अंतर्राष्ट्रीय विकास वित्त निगम (डीएफसी) यू.एस. सरकार का विकास वित्त संस्थान है। डीएफसी विकासशील देशों के निजी क्षेत्र में निवेश करता है। यह ऊर्जा, स्वास्थ्य सेवा, महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे और प्रौद्योगिकी सहित क्षेत्रों में निवेश करता है।
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