भारत सरकार द्वारा 20 मई 2022 को जारी आंकड़ों के अनुसार 2021-22 के दौरान भारत में कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश(एफडीआई) 83.57 बिलियन डॉलर था। यह एक वित्तीय वर्ष में भारत में अब तक का सबसे अधिक एफडीआई है।2020-21 में एफडीआई 81.97 अरब डॉलर था।
2021-22 में एफडीआई के मुख्य रुझान
2021-22 में एफडीआई का मुख्य स्रोत
सिंगापुर भारत में एफडीआई का प्रमुख स्रोत था, इस अवधि में कुल एफडीआई का 27% हिस्सा सिंगापुर से आयाउसके बाद यू.एस.ए. (18%) और मॉरीशस (16%) है ।
शीर्ष प्राप्तकर्ता क्षेत्र
अधिकतम एफडीआई 'कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर' क्षेत्र में था, जिसने कुल एफडीआई का लगभग 25% निवेश आकर्षित किया, उसके बाद सेवा क्षेत्र (12%) और ऑटोमोबाइल उद्योग (12%) का स्थान रहा।
शीर्ष प्राप्तकर्ता राज्य
कर्नाटक ने भारत के राज्यों में सबसे अधिक एफडीआई आकर्षित किया। कुल एफडीआई में इसकी हिस्सेदारी 38 फीसदी थी, इसके बाद महाराष्ट्र (26 फीसदी) और दिल्ली (14%) का स्थान आता है।
क्या है प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई)
विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम 1999 (फेमा) में विदेशी निवेश को परिभाषित किया गया है।
प्रत्यक्ष विदेशी निवेश भारत के बाहर निवासी व्यक्ति द्वारा पूंजी लिखतों के माध्यम से किया गया निवेश है किसी (1) एक गैर-सूचीबद्ध भारतीय कंपनी में; या (2) किसी सूचीबद्ध भारतीय कंपनी की चुकता इक्विटी पूंजी के 10 प्रतिशत या उससे अधिक में।
- असूचीबद्ध कंपनी का अर्थ है कि कंपनी का पूंजी लिखत किसी स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध नहीं है और इसे बाजार में खरीदा और बेचा नहीं जा सकता है।
- सूचीबद्ध कंपनी का मतलब है कि कंपनी का पूंजी लिखत किसी भी स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध है और इसे बाजार में खरीदा और बेचा जा सकता है।
- पूंजी लिखत या कैपिटल इंस्ट्रूमेंट का अर्थ है किसी कंपनी द्वारा जारी किया गया एक पूंजीगत प्राप्तियां जो व्यापार / निवेश उद्देश्यों के लिए बाजार से पूंजी (धन) जुटाने के लिए जारी किया जाता है। इसमें शेयर (इक्विटी) या डिबेंचर या बांड दोनों शामिल हैं
एफडीआई/FDI : फॉरेन डाइरेक्ट इन्वेस्ट्मन्ट
https://www.testwale.com/current-affairs/hindi/india-gets-a-record-fdi-of-8357-billion-in-2021-22/