भारतीय नौसेना के लिए एलएंडटी जहाज निर्माण के सहयोग से जीआरएसई द्वारा बनाए जा रहे चार सर्वेक्षण पोत (बड़े) (एसवीएल) परियोजना में से दूसरा, आईएनएस निर्देशक, 26 मई 2022 को चेन्नई के कट्टुपल्लीमें लॉन्च किया गया ।
एसवीएल जहाज मौजूदा संध्याक श्रेणी के सर्वेक्षण जहाजों की जगह लेंगे और यह
जहाज 14 समुद्री मील की क्रूज गति और 18 समुद्री मील की अधिकतम गति पर संचालित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
इन जहाजों का पतवार स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड द्वारा निर्मित स्वदेशी रूप से विकसित विशेष ग्रेड स्टील से बनाया गया है।
चार सर्वेक्षण मोटर नौकाओं और एक एकीकृत हेलीकॉप्टर को ले जाने की क्षमता के साथ पोतों की प्राथमिक भूमिका पत्तनों व नौवहन चैनलों के पूर्ण पैमाने पर तटीय और गहरे जल के हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण करने की होगी। रक्षा के साथ-साथ नागरिक अनुप्रयोगों के लिए समुद्र विज्ञान और भूभौतिकीय डेटा एकत्र करने के लिए भी पोतों को तैनात किया जाएगा। वहीं, आपात स्थिति के दौरान पोतों को अस्पताल के रूप में उपयोग करने के अलावा इनकी द्वितीयक भूमिका सीमित रक्षा प्रदान करने में सक्षम होना है।
इस पोत ने अपना नाम पूर्ववर्ती निर्देशक से लिया है, जो कि एक भारतीय नौसेना सर्वेक्षण पोत था और दिसंबर, 2014 में 32 साल की शानदार सेवा के बाद इसे हटा दिया गया
चार एसवीएल जहाजों के निर्माण के अनुबंध पर 30 अक्टूबर 20118 को केंद्रीय रक्षा मंत्रालय और गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई), कोलकाताके बीच हस्ताक्षर किए गए थे।
इस श्रेणी में प्रथम जहाज 'संध्याक' को पिछले साल दिसंबर में लॉन्च किया गया था।