प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के रजत जयंती समारोह को संबोधित किया। प्रधानमंत्री इस अवसर पर एक डाक टिकट जारी किया।
महत्वपूर्ण तथ्य:
कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री आईआईटी मद्रास के नेतृत्व में कुल आठ संस्थानों द्वारा बहु-संस्थान सहयोगी परियोजना के रूप में विकसित 5जी टेस्ट बेड का भी शुभारंभ किया।
इस परियोजना को 220 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित किया गया है।
इससे होने वाले लाभ:
टेस्ट बेड भारतीय उद्योग और स्टार्टअप के लिए एक सहायक इकोसिस्टम को सक्षम बनाएगा, जो इन्हें 5जी और अगली पीढ़ी की प्रौद्योगिकियों में अपने उत्पादों, प्रोटोटाइप, समाधान और एल्गोरिदम को सत्यापित करने में मदद करेगा।
ये देश के गांवों में 5G टेक्नोलाजी पहुंचाने में बड़ी भूमिका निभाएगा। 5G टेक्नोलाजी भी देश की गवर्नेंस में जीवन में सुगमता, व्यापार करने में सुगमता में सकारात्मक बदलाव लाने वाली है।
इससे खेती, स्वास्थ्य, शिक्षा, इंफ्रास्ट्रक्चर और लाजिस्टिक्स हर सेक्टर में ग्रोथ को बल मिलेगा
इससे सुविधा भी बढ़ेगी और रोजगार के भी अनेक अवसर बनेंगे।
अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान
आने वाले डेढ़ दशक में 5G से भारत की अर्थव्यवस्था में 450 बिलियन डालर का योगदान होने वाला है।
ये सिर्फ इंटरनेट की गति ही नहीं बल्कि प्रगति और रोजगार की गति को भी बढ़ाने वाला है।
भारत में मोबाइल निर्माण इकाइयां 2 से बढ़कर 200 से अधिक हो गई हैं। भारत आज दुनिया का सबसे बड़ा मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग हब है।
लाखों गांवों में पहुंचा इंटरनेट
वर्तमान में भारत में करीब पौने दो लाख ग्राम पंचायतों तक ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी पहुंचा चुके हैं।
कुछ समय पहले सरकार ने देश के नक्सल प्रभावित अनेक जनजातीय जिलों में 4जी सुविधा पहुंचाने की बड़ी शुरुआत की है।
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई):
ट्राई की स्थापना 1997 में भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण अधिनियम, 1997 के माध्यम से हुई थी।
दूरसंचार पर नियंत्रण के लिए इसकी स्थापनी की गई थी। डॉक्टर पीडी वाघेला ट्राई के वर्तमान अध्यक्ष हैं।
https://www.testwale.com/current-affairs/hindi/trai-completes-its-25-years/
