अक्टूबर-दिसंबर में शहरी बेरोजगारी 8.7% तक गिर गई: एनएसओ सर्वेक्षण

 

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा 6 मई 2022 को जारी 13वें तिमाही आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण के अनुसार शहरी क्षेत्रों में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों की बेरोजगारी दर अक्टूबर-दिसंबर 2021 में गिरकर 8.7 प्रतिशत हो गई, जो  पिछले साल इसी अवधि में  10.3 प्रतिशत थी।

मुख्य रूप से देश में लॉकडाउन प्रतिबंधों के प्रभाव के कारण 2020 में अक्टूबर-दिसंबर में बेरोजगारी अधिक थी, जो घातक कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के लिए लगाए गए थे।

13वें आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण की मुख्य विशेषताएं

  • शहरी क्षेत्रों में महिलाओं (15 वर्ष और उससे अधिक आयु) के बीच बेरोजगारी दर भी अक्टूबर-दिसंबर 2021 में घटकर 10.5 प्रतिशत हो गई, जो एक साल पहले इसी अवधि में   13.1 प्रतिशत थी।
  • शहरी क्षेत्रों, पुरुषों में बेरोजगारी दर भी अक्टूबर-दिसंबर 2021 में घटकर 8.3 प्रतिशत हो गई, जो एक साल पहले इसी अवधि में  9.5 प्रतिशत थी।
  • 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए शहरी क्षेत्रों में सीडब्ल्यूएस (वर्तमान साप्ताहिक स्थिति) में श्रम बल भागीदारी दर एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में 2021 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में 47.3 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रही।
  • अक्टूबर-दिसंबर 2021 में शहरी क्षेत्रों में सीडब्ल्यूएस में डब्ल्यूपीआर (प्रतिशत में) 43.2 प्रतिशत था, जो एक साल पहले इसी अवधि में 42.4 प्रतिशत था।

कान्सेप्ट क्लीरिंग

  • राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने अप्रैल 2017 में आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) का शुभारंभ किया।
  • आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) में महत्‍वपूर्ण रोजगार एवं बेरोजगारी संकेतकों जैसे कि श्रम बल भागीदारी दरों (एलएफपीआर) कामगार-जनसंख्‍या अनुपात ( डब्‍ल्‍यूपीआर), बेरोजगारी दर (यूआर), इत्‍यादि के अनुमान दिए जाते हैं।
  • श्रम बल भागीदारी दर (एलएफपीआर): एलएफपीआर को कुल आबादी में श्रम बल के अंतर्गत आने वाले व्‍यक्तियों (अर्थात कहीं कार्यरत या काम की तलाश में या काम के लिए उपलब्‍ध) के प्रतिशत के रूप में परिभाषित किया जाता है।
  • कामगार-जनसंख्‍या अनुपात (डब्‍ल्‍यूपीआर): डब्‍ल्‍यूपीआर को कुल आबादी में रोजगार प्राप्‍त व्‍यक्तियों के प्रतिशत के रूप में परिभाषित किया जाता है।
  • बेरोजगारी दर (यूआर) : इसे श्रम बल में शामिल कुल लोगों में बेरोजगार व्‍यक्तियों के प्रतिशत के रूप में परिभाषित किया जाता है।
  • सीडब्ल्यूएस दृष्टिकोण में, एक व्यक्ति को बेरोजगार माना जाता है यदि उसने सप्ताह के दौरान किसी भी दिन एक घंटे के लिए भी काम नहीं किया, लेकिन इस अवधि के दौरान किसी भी दिन कम से कम एक घंटे के लिए काम की मांग की या काम के लिए  उपलब्ध था।
https://www.testwale.com/current-affairs/hindi/urban-unemployment-fell-to-87-in-oct-dec-nso-survey/

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