पहली बार, संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) ने बहुभाषावाद पर एक भारत-प्रायोजित प्रस्ताव अपनाया है जिसमें पहली बार हिंदी भाषा का उल्लेख किया गया है।
10 जून 2022 को पारित प्रस्ताव में संयुक्त राष्ट्र से हिन्दी सहित सभी अधिकृत और अनधिकृत भाषाओं में महत्वपूर्ण संचार और संदेशों के प्रचार-प्रसार का आग्रह किया गया है।
- संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई प्रतिनिधि टी एस त्रिमूर्ति ने कहा कि बहु भाषावाद को संयुक्त राष्ट्र के बुनियादी सिद्धान्त के रूप में स्वीकार किया गया है। उन्होंने बहुभाषावाद के समर्थन के लिए संयुक्त राष्ट्र महासचिव का आभार प्रकट किया।
- श्री त्रिमूर्ति ने कहा कि पहली बार इस तरह के प्रस्ताव में हिन्दी भाषा का उल्लेख किया गया है। इसके अतिरिक्त बांग्ला और उर्दू भाषा का भी प्रस्ताव में पहली बार उल्लेख हुआ है।
- श्री त्रिमूर्ति ने कहा कि हिन्दी भाषा में संचार और मल्टी मीडिया सामग्री के प्रचार-प्रसार के लिए संयुक्त राष्ट्र वैश्विक संचार विभाग को 2018 से बजट के अतिरिक्त योगदान उपलब्ध करा रहा है।
- इन प्रयासों के तहत 2018 में हिन्दी@ यूएन परियोजना शुरू की गई। इसका उद्देश्य हिन्दी भाषा में संयुक्त राष्ट्र के जन-सम्पर्क को बढावा देना और दुनिया भर में वैश्विक मुद्दों के बारे में हिन्दी भाषी लाखों लोगों को जागरूक करना है।
- अरबी, चीनी, अंग्रेजी, फ्रेंच, रूसी और स्पेनिश संयुक्त राष्ट्र की छह आधिकारिक भाषाएं हैं
- अंग्रेजी और फ्रेंच संयुक्त राष्ट्र सचिवालय की कामकाजी भाषाएं हैं।
विश्व में हिंदी भाषा
- विश्व भाषा डेटाबेस एथनोलॉग के 22 वें संस्करण के अनुसार, 2019 में हिंदी , 615 मिलियन बोलने वालों के साथ दुनिया की तीसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है।
- 1,132 मिलियन बोलने वालों के साथ अंग्रेजी दुनिया में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा थी।
- चीनी मंदारिन 1,117 मिलियन बोलने वालों के साथ दूसरे स्थान पर है।
- बांग्ला को दुनिया की 7वीं सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा के रूप में स्थान दिया गया है। विश्व में बांग्ला बोलने वालों की संख्या 228 थी।
- एथनोलॉग, 1951 में अपनी स्थापना के बाद से दुनिया की जीवित भाषाओं का एक वार्षिक डेटाबेस प्रकाशित करता है।