आवास और शहरी कार्य तथा पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी ने 12 मई 2022 को नई दिल्ली में 'प्लम्बेक्स इंडिया' प्रदर्शनी में भारत टैप पहल का शुभारंभ किया।
महत्वपूर्ण तथ्य :
यह प्रदर्शनी नल से संबंधी उपकरणों, पानी और स्वच्छता उद्योग से संबंधित उत्पादों और सेवाओं के प्रदर्शन के लिए आयोजित की गई है।
यह प्रदर्शनी राष्ट्र के विकास में जल और स्वच्छता की एक आधारभूत सेवा प्रदान करने में सहयोग करती है और पर्याप्त स्वच्छता के बिना कोई देश प्रगति या विकास नहीं कर सकता है।
यह सेवाएं नागरिकों के लिए आवश्यक बुनियादी आवश्यकताओं के अनुसार अपेक्षित मूलभूत सेवाएं हैं।
प्रधानमंत्री की घोषणा के बाद भारत के सामाजिक विकास में एक आदर्श बदलाव आया है और स्वच्छता भारत के विकास की प्रमुख कुंजी है। न केवल खुले में शौच की समस्या से निपटने और स्वच्छता के प्रति व्यवहार में बदलाव लाने के लिए महत्वाकांक्षी स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत की।
प्रधानमंत्री ने भारत की 60 प्रतिशत शहरी आबादी के लिए सुरक्षित जल और गंदे जल की निकासी की प्रणाली प्रदान करने के लिए अटल मिशन फॉर रिजुवेनेशन एंड ट्रांसफॉर्मेशन (अमृत) की भी अवधारणा तैयार की।
भारत, ग्रामीण क्षेत्रों में 38 प्रतिशत शौचालय से 100 प्रतिशत शौचालय कवरेज तक पहुंच गया है।
इसके अलावा शहरी क्षेत्रों में 73.32 लाख घरेलू और सामुदायिक शौचालयों का निर्माण किया गया है।
स्वच्छ भारत मिशन एक जन आंदोलन बन गया जिसने देश को सुरक्षित और उचित स्वच्छता के लिए प्रेरित किया है। स्वच्छता की यात्रा को सुविधाजनक बनाने में अमृत मिशन काफी महत्वपूर्ण रहा है।
श्री पुरी ने नारेडको माही की 'निर्मल जल प्रयास' पहल की भी शुरूआत की जो प्रति वर्ष 500 करोड़ लीटर पानी की बचत के लिए काम करेगी।
अटल मिशन फॉर रिजुवेनेशन एंड ट्रांसफॉर्मेशन (अमृत)
अमृत मिशन को हर घर में पानी की सुनिश्चित आपूर्ति और सीवरेज कनेक्शन के साथ सभी की नल तक पहुँच को सुनिश्चित करने के लिये जून 2015 में शुरू किया गया था।
अमृत 2.0 का लक्ष्य लगभग 4,700 (शहरी स्थानीय निकाय) में सभी घरों में पानी की आपूर्ति के मामले में 100% कवरेज प्रदान करना है।
इसका उद्देश्य स्टार्टअप्स और एंटरप्रेन्योर्स (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) को प्रोत्साहित करके आत्मनिर्भर भारत पहल को बढ़ावा देना है।
अमृत मिशन का उद्देश्य :
यह पानी की ज़रूरत को पूरा करने, जल निकायों को फिर से जीवंत करने, जलभृतों का बेहतर प्रबंधन, उपचारित अपशिष्ट जल का पुन: उपयोग करने के लिये अमृत मिशन की प्रगति सुनिश्चित करेगा, जिससे पानी की एक चक्रीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।
यह 500 अमृत शहरों में सीवरेज और सेप्टेज का 100% कवरेज प्रदान करेगा।
उपचारित अपशिष्ट जल के पुनर्चक्रण और पुन: उपयोग से शहरों की कुल पानी की ज़रूरत का 20% तथा औद्योगिक मांग का 40% पूरा होने की उम्मीद है। मिशन के तहत प्राकृतिक संसाधनों का टिकाऊ उपयोग सुनिश्चित करने के लिये स्वच्छ जल निकायों को प्रदूषित होने से बचाया जाएगा।
जल के समान वितरण, अपशिष्ट जल के पुन: उपयोग और जल निकायों के मानचित्रण का पता लगाने के लिये शहरों में पेयजल सर्वेक्षण किया जाएगा।
अमृत मिशन के पहले चरण का प्रदर्शन :
अमृत मिशन के तहत शहरों में 1.14 करोड़ नल कनेक्शन के साथ कुल 4.14 करोड़ कनेक्शन किये गए हैं।
470 शहरों में क्रेडिट रेटिंग का काम पूरा हो चुका है। इनमें से 164 शहरों को निवेश योग्य ग्रेड रेटिंग प्राप्त हुई है, जिसमें 36 शहर A- या उससे ऊपर की रेटिंग वाले हैं।
10 ULB ने म्युनिसिपल बॉण्ड के ज़रिये 3,840 करोड़ रुपए जुटाए हैं। ऑनलाइन भवन निर्माण अनुमति प्रणाली को 455 अमृत शहरों सहित 2,471 शहरों में लागू किया गया है।
इस सुधार से वर्ष 2018 की विश्व बैंक की डूइंग बिज़नेस रिपोर्ट (डीबीआर) की भारतीय रैंकिंग 181 रैंक से वर्ष 2020 में 27 हो गई।