भारत के प्रमुख वाणिज्य एवं उद्योग मंडल फिक्की द्वारा आयोजित ’भारत मक्का शिखर सम्मेलन-2022’ के 8वें संस्करण का आयोजन किया गया।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मक्का क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सरकार के भरपूर समर्थन का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि कृषि हमारे देश की रीढ़ के समान है, जिसने कोविड-19 सहित हर संकट में देश की मदद की है।
मक्का उत्पादन को बढ़ावा देने में सरकारी प्रोत्साहन :
खाद्यान्न के साथ ही कुक्कट पालन व एथनाल उत्पादन सहित विविध क्षेत्रों में मक्का का इस्तेमाल होने से न केवल भारत में बल्कि विश्व में भी मक्का की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है।
सरकार फसलों के विविधीकरण कार्यक्रम के तहत, विभिन्न पहलों के जरिये किसानों को मक्का उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। साथ ही, सरकार ने विभिन्न पहल व पैकेजों से उद्यमियों को भी समर्थन किया है।
पिछले लगभग 8 साल के दौरान मक्का का न्यूनतम समर्थन मूल्य 43 प्रतिशत बढ़ाया गया है। इसके साथ ही मक्का का उत्पादन बढ़ने से किसानों को भी इसका काफी लाभ मिला है।
कृषि उत्पादों के निर्यात में वृद्धि भी उत्साहवर्धक रही है, जिसका आंकड़ा लगभग चार लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।
वैश्विक मांग :
मौजूदा रूस-यूक्रेन संकट के दौरान वैश्विक मांग को पूरा करने के लिए सरकार गेहूं का निर्यात सुनिश्चित करने पर काम कर रही है।
भारत स्थित अमेरिकी दूतावास में कृषि मामलों के काउंसलर- मंत्री श्री रोनाल्ड वेरडांक ने कहा कि आज जो प्रौद्योगिकियां उपलब्ध हैं, उनसे किसान अपना उत्पादन बढ़ा सकते हैं। मुर्गी पालन क्षेत्र में मक्का की बढ़ती मांग से भारतीय मक्का क्षेत्र को फायदा होने की संभावना है।
इस अवसर पर फिक्की व यस बैंक की ’भारतीय मक्का क्षेत्र पर तैयार रिपोर्ट-’’इंडियन मैज सेक्टर-सिक्यूरिंग सप्लाई सस्टेनेबली’’ को भी जारी किया गया।
फिक्की की राष्ट्रीय कृषि समिति के चेयरमैन और टेफे के समूह अध्यक्ष : श्री टी.आर. केशवन।
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