भारत सरकार ने बीएन श्रीकृष्ण समिति की सिफारिश को स्वीकार कर ,अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) द्वारा विनियमित तकनीकी और प्रबंधन पाठ्यक्रम प्रदान करने वाले निजी तकनीकी संस्थान के लिए पाठ्यक्रम की न्यूनतम और अधिकतम शुल्क तय करने का निर्णय लिया है।
एआईसीटीई ने 2015 में व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए ट्यूशन और अन्य शुल्क वसूलने के लिए दिशानिर्देश निर्धारित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बी.एन.श्री कृष्ण की अध्यक्षता में एक राष्ट्रीय शुल्क समिति का गठन किया था।
छह साल पहले सरकार ने श्रीकृष्ण समिति की सिफारिश के आधार पर इंजीनियरिंग या प्रबंधन पाठ्यक्रम जैसे तकनीकी पाठ्यक्रम प्रदान करने के लिए निजी तकनीकी संस्थानों द्वारा ली जाने वाली अधिकतम फीस तय की थी, लेकिन सरकार द्वारा कोई न्यूनतम शुल्क सीमा निर्धारित नहीं की गई थी।
सरकार ने अब जस्टिस बी एन श्रीकृष्ण की रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया है और निजी संस्थानों द्वारा पेश किए जाने वाले विभिन्न तकनीकी पाठ्यक्रमों के लिए न्यूनतम फीस भी तय कर दी है।
तकनीकी पाठ्यक्रमों के लिए न्यूनतम और अधिकतम फीस सीमा
डिप्लोमा पाठ्यक्रमों के लिए, न्यूनतम शुल्क ₹67,900 प्रति वर्ष से कम नहीं हो सकता है, जबकि अधिकतम शुल्क ₹1,64,700 प्रति वर्ष से अधिक नहीं हो सकता है।
स्नातक पाठ्यक्रमों के लिए, न्यूनतम और अधिकतम वार्षिक शुल्क क्रमशः ₹79,600 और ₹1,89,800 निर्धारित किए गए हैं।
इसी तरह, स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों की न्यूनतम और अधिकतम वार्षिक शुल्क क्रमशः ₹1,41,200 और ₹3,04,000 प्रति वर्ष होगी।
प्रबंधन पाठ्यक्रमों के लिए न्यूनतम शुल्क ₹85,000 और अधिकतम शुल्क ₹1,95,200 प्रति वर्ष होगा।
नई फीस संरचना अगले शैक्षणिक वर्ष 2023-2034 से लागू की जाएगी और यह अगले पांच साल के लिए वैध होगा।
निजी संस्थान हर साल अधिकतम 5% फीस बढ़ा सकते हैं।
एआईसीटीई (अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद)
इसकी स्थापना 1945 में तकनीकी शिक्षा के लिए एक सलाहकार निकाय के रूप में की गई थी।
इसे अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद अधिनियम 1987 के तहत एक वैधानिक निकाय बनाया गया था।
यह पूरे देश में एक तकनीकी शिक्षा प्रणाली के विकास की योजना बनाने और समन्वय करने के लिए स्थापित किया गया था,
एआईसीटीई के क्षेत्राधिकार में विभिन्न स्तरों पर तकनीकी शिक्षा के कार्यक्रम शामिल हैं जिसमें इंजीनियरी, प्रौद्योगिकी, वास्तुकला, नगर आयोजना, प्रबंधन , भेषजी, अनुप्रयुक्त कला एवं शिल्प, होटल प्रबंधन और खानपान प्रौद्योगिकी में प्रशिक्षण और अनुसंधान शामिल है।
यह केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आता है।
मुख्यालय: नई दिल्ली
एआईसीटीई के अध्यक्ष: प्रो. अनिल दत्तात्रेय सहस्रबुद्धे,
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