पूंजी और कमोडिटी बाजार नियामक ,भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने 10 मई 2022 के एक आदेश में इंडियन कमोडिटी एक्सचेंज लिमिटेड (आईसीईएक्स) की मान्यता रद्द कर दी है, क्योंकि एक्सचेंज में पर्याप्त संख्या में अनुभवी कर्मचारी और अपेक्षित वित्तीय क्षमता नहीं है।
- मुंबई में स्थित आईसीईएक्स को केंद्र सरकार द्वारा स्थायी आधार पर अक्टूबर 2009 में जारी एक अधिसूचना के माध्यम से फॉरवर्ड कॉन्ट्रैक्ट्स के तहत एक एक्सचेंज के रूप में मान्यता दी गई थी।
- एक्सचेंज के निरीक्षण के दौरान सेबी ने पाया कि एक्सचेंज न्यूनतम नियामक आवश्यकता को पूरा नहीं कर पा रहा था।
- एक्सचेंज का न्यूनतम नेटवर्थ, हर समय न्यूनतम नेटवर्थ 100 करोड़ रुपये की आवश्यकता से कम था।
- आईसीईएक्स ने इससे पहले वित्तीय समस्याओं के कारण 2013 में तीन साल के लिए ट्रेडिंग को निलंबित कर दिया था।
- सेबी ने एक्सचेंज या उसकी सहायक कंपनी को 'स्टॉक एक्सचेंज' या उसके नाम के किसी भी प्रकार के अभिव्यक्ति का उपयोग करने से प्रतिबंधित कर दिया है।
कमोडिटी एक्सचेंज
- कमोडिटी एक्सचेंज वे एक्सचेंज होते हैं जहां कमोडिटी डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट्स का कारोबार होता है। वे सामान्य शेयर बाजारों से अलग होते हैं जहां किसी कंपनी के शेयर या बांड का कारोबार होता है।
- कमोडिटी या वस्तुओं का उपयोग ज्यादातर अन्य वस्तुओं या सेवाओं के उत्पादन में कच्चे माल के रूप में किया जाता है। अनाज, सोना, कच्चा तेल, तांबा, प्राकृतिक गैस वस्तुओं के कुछ इसके उदाहरण हैं।
- आम तौर पर, कमोडिटी डेरिवेटिव्स बाजार में कारोबार की जाने वाली वस्तुओं को दो व्यापक श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाता है। कृषि वस्तुएँ (जैसे चना, कपास, ग्वार बीज, मक्का, सोयाबीन, चीनी, आदि) और गैर-कृषि वस्तुएँ (सोना, चांदी, तेल, एल्यूमीनियम, तांबा आदि)।
भारत में कमोडिटी एक्सचेंज
भारत में दो राष्ट्रीय स्तर के कमोडिटी एक्सचेंज हैं
- मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज। मुख्यालय, मुंबई
- नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज लिमिटेड (एनसीडीईएक्स) मुख्यालय, मुंबई।
कमोडिटी एक्सचेंज का नियामक: सेबी
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