व्यापार और विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (यूएनसीटीएडी) की विश्व निवेश रिपोर्ट 2002 के अनुसार, भारत ने 2021 में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के सबसे अधिक प्राप्तकर्ता के रूप में दुनिया में अपनी रैंक में सुधार कर 8वें स्थान(2020) से 7वें स्थान पर आ गया है, हालाँकिपिछले साल के मुकाबले देश में एफडीआई में 30% की गिरावट आई है ।
- अंकटाड द्वारा हर साल जारी विश्व निवेश रिपोर्ट क्षेत्रीय और देश के स्तर पर दुनिया भर में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के रुझानों और विकास में इसके योगदान को बेहतर बनाने के लिए उभरते उपायों पर केंद्रित होता है।
- विश्व निवेश रिपोर्ट 2022 का विषय था: अंतर्राष्ट्रीय कर सुधार और सतत निवेश
शीर्ष एफडीआई प्राप्तकर्ता देश
रैंक | देश | 2021 में एफडीआई(अरब डॉलर में ) |
1 | संयुक्त राज्य अमेरिका | $367 |
2 | चीन | $181 |
3 | हांगकांग | $141 |
4 | सिंगापुर | $99 |
5 | कनाडा | $60 |
6 | ब्राज़ीलl | $50 |
7 | भारत | $45 |
8 | दक्षिण अफ्रीका | $41 |
9 | रूस | $38 |
10 | मेक्सिको | $32 |
भारत का प्रदर्शन
- भारत को 2020 में $64 बिलियन की तुलना में 2021 में FDI में $45 बिलियन प्राप्त हुआ। भारत को 2021 में एफडीआई के 7वें सबसे बड़े प्राप्तकर्ता के रूप में स्थान दिया गया।
- शीर्ष 10 देशों में से केवल भारत में 2020 की तुलना में एफडीआई में गिरावट आई।
गिरावट का कारण
- एफडीआई में गिरावट का मुख्य कारण 2021 में विशेष रूप से डिजिटल स्पेस में कंपनियों के विलय और अधिग्रहण में गिरावट थी। 2020 के दौरान रिलायंस जियो में अल्फाबेट (गूगल) और फेसबुक का भारी निवेश हुआ था जिसके कारण 2020 में भारत में रिकॉर्ड $64 का निवेश हुआ था ।
भारत के लिए अच्छी बात
- लेकिन अंकटाड के अनुसार भारत अभी भी विकसित देशों के बाहर अपने संपन्न डिजिटल स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र के कारण डिजिटल स्पेस में सबसे पसंदीदा निवेश गंतव्य बना हुआ है।
- भारत 2021 में बड़ी अंतरराष्ट्रीय परियोजनाओं को आकर्षित करने में सक्षम रहा है।
- परियोजनाओं की सबसे बड़ी संख्या (23) नवीकरणीय ऊर्जा में थी।
- बड़ी परियोजनाओं में आर्सेलर मित्तल-निप्पॉन स्टील (जापान) द्वारा 13.5 बिलियन डॉलर का भारत में स्टील और सीमेंट प्लांट का निर्माण और 2.4 बिलियन डॉलर में सुजुकी मोटर (जापान) द्वारा एक नई कार निर्माण सुविधा का निर्माण शामिल है।
- रिपोर्ट में कहा गया है कि विकासशील देशों में अनुसंधान और विकास में कुल निवेश का लगभग आधा हिस्सा भारत आया।
रिपोर्ट की अन्य खास बातें
- अंकटाड ने कहा कि वैश्विक एफडीआई प्रवाह पिछले साल पूर्व-महामारी के स्तर पर पहुंच गया, जो 64 प्रतिशत बढ़कर 1.6 ट्रिलियन डॉलर हो गया, लेकिन इस साल संभावनाएं गंभीर हैं।
- यूक्रेन में युद्ध के कारण विश्व में खाद्यान्नों में , ईंधन की कीमतों में भारी वृद्धि होने के कारण
- मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए कई देशों के केंद्रीय बैंकों ने ब्याज दरों में वृद्धि की है। इससे विश्व आर्थिक विकास पर प्रतिकूल प्रभाव परने की सम्भावना है ।
- इसने वैश्विक व्यापार भावना पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है और अनिश्चितता पैदा की है। बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा विशेष रूप से विकासशील देशों में नए निवेश की संभावना कम है।
अंकटाड (संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास सम्मेलन)
अंकटाड 1964 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा स्थापित एक स्थायी अंतर सरकारी निकाय है।
यह संयुक्त राष्ट्र सचिवालय का एक हिस्सा है।
इसकी स्थापना विश्व व्यापार में विकासशील देशों के हितों को बढ़ावा देने के लिए की गई थी।
अंकटाड का मुख्यालय: जिनेवा, स्विट्ज़रलैंड
अंकटाड के कार्यालय: संयुक्त राज्य अमेरिका में न्यूयॉर्क और इथियोपिया में अदीस अबाबा
महासचिव: कोस्टा रिका की श्रीमती रेबेका ग्रिनस्पैन
फुल फॉर्म
अंकटाड/UNCTAD: यूनाइटेड नेशन कांफ्रेंस ऑन ट्रेड एंड डेवलपमेंट(United Nation Conference on Trade and Development )