भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान सुखोई-30MKI से ब्रह्मोस इआर (एक्सटेंडेड रेंज) फायरिंग का परीक्षण किया, जो सफल रहा। यह सुखोई से ब्रह्मोस के इआर वर्जन का पहला लॉन्च था।
महत्वपूर्ण तथ्य :
सुखोई-30 मार्क-वन लड़ाकू विमान से ब्रह्मोस मिसाइल के विस्तारित दूरी के संस्करण का यह पहला प्रक्षेपण था।
इस मिसाइल के एडवांस्ड वर्जन की रेंज लगभग 350 किलोमीटर है जबकि मूल मिसाइल की रेंज लगभग 290 किलोमीटर थी।
इस परीक्षण में भारतीय वायुसेना के साथ भारतीय रक्षा अनुसंधान संगठन, भारतीय नौसेना, बीएपीएल और एचएएल शामिल थेI
ब्रह्मोस मिसाइल :
ब्रह्मोस रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन तथा रूस के NPOM का एक संयुक्त उद्यम है।
इसका नाम भारत की ब्रह्मपुत्र नदी और रूस की मोस्कवा नदी के नाम पर रखा गया है।
यह दो चरणों वाली (पहले चरण में ठोस प्रणोदक इंजन और दूसरे में तरल रैमजेट) मिसाइल है।
यह एक मल्टीप्लेटफॉर्म मिसाइल है यानी इसे ज़मीन, हवा और समुद्र तथा बहु क्षमता वाली मिसाइल से सटीकता के साथ लॉन्च किया जा सकता है, जो किसी भी मौसम में दिन और रात में काम करती है।
यह ‘फायर एंड फॉरगेट्स’ सिद्धांत पर कार्य करती है यानी लॉन्च के बाद इसे मार्गदर्शन की आवश्यकता नहीं होती।
ब्रह्मोस सबसे तेज़ क्रूजज़ मिसाइलों में से एक है, यह वर्तमान में मैक 2.8 की गति के साथ कार्य करती है, जो कि ध्वनि की गति से लगभग 3 गुना अधिक है।
यह हवा में ही मार्ग बदल सकती है और चलते फिरते लक्ष्य को भी भेद सकती है।
यह 10 मीटर की ऊँचाई पर उड़ान भर सकती है और रडार की पकड में नहीं आती।
सुखोई 30 एमकेआई लड़ाकू विमान :
सुखोई 30 एमकेआई भारतीय वायुसेना का प्रमुख लड़ाकू विमान है।
यह विमान 3000 किमी की दूरी तक जा कर हमला कर सकता है।
यह लड़ाकू विमान रूस के सैन्य विमान निर्माता सुखोई तथा भारत के हिन्दुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड के सहयोग से बना है।
वर्ष 2002 में इसे भारतीय वायुसेना में सम्मिलित किया गया था और वर्ष 2004 से इनका निर्माण भारत में ही हिन्दुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है।