जीएसटी परिषद केंद्र या राज्य पर बाध्यकारी नहीं है: सुप्रीम कोर्ट

 

एक फैसले में, जिसके भारत में अप्रत्यक्ष कराधान प्रणाली पर दूरगामी परिणाम हो सकते हैं, सुप्रीम कोर्ट ने 19 मई 2022 को कहा कि माल और सेवा कर (जीएसटी) परिषद की सिफारिशें केंद्र सरकार या राज्यों के लिए बाध्यकारी नहीं हैं।

  • अदालत गुजरात उच्च न्यायालय के उस फैसले के खिलाफ केंद्र सरकार की अपील पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें समुद्री माल पर एकीकृत जीएसटी को असंवैधानिक घोषित किया गया था।
  • सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात उच्च न्यायालय के फैसले को बरकरार रखा और केंद्र सरकार की अपील को खारिज कर दिया।
  • सुप्रीम कोर्ट ने माना कि जीएसटी परिषद की सिफारिशों का केवल एक प्रेरक मूल्य होगा और इस बात पर जोर दिया कि संविधान के अनुच्छेद 246 क (जो राज्यों को जीएसटी के संबंध में कानून बनाने की शक्ति देता है) संघ और राज्यों को "समान इकाइयों" के रूप में मानता है।
  • विभिन्न हितधारकों द्वारा इस फैसले की अलग-अलग व्याख्या की गई, केंद्र ने कहा कि इसका मतलब जीएसटी शासन के काम करने के तरीके में कोई बदलाव नहीं है, जबकि कुछ राज्यों ने राज्यों के अधिकारों की रक्षा के लिए इसकी सराहना की।
  • कुछ लोगों को डर है कि कुछ राज्य अपनी जीएसटी दरों को तय करना शुरू कर सकते हैं जो भारत में एकल अप्रत्यक्ष कर प्रणाली के उद्देश्य को विफल कर देगा।

जीएसटी

  • 2016 के 101वें संवैधानिक संशोधन अधिनियम ने भारत में माल और सेवा कर का प्रावधान किया ।
  • जीएसटी एक एकल अप्रत्यक्ष कर है जो केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा लगाए गए कई अप्रत्यक्ष करों की जगह लेता है।
  • इसे भारत में जुलाई 2017 को लागू किया गया था।

जीएसटी परिषद

  • चूंकि इसमें केंद्र सरकार और राज्य सरकार दोनों का सहयोग शामिल था, इसलिए 101वें संविधान संशोधन 2016 ने संविधान में एक नया अनुच्छेद 279 क (1) शामिल किया जो जीएसटी परिषद के  गठन का प्रावधान  करता है।
  • इस अनुच्छेद के तहत राष्ट्रपति के पास जीएसटी परिषद की नियुक्ति करने की शक्ति है
  • राष्ट्रपति ने एक आदेश जारी किया और 12 सितंबर, 2016 को जीएसटी परिषद का गठन किया गया

जीएसटी परिषद में कुल सदस्य

जीएसटी परिषद में 33 सदस्य हैं, जिनमें से 2 सदस्य केंद्र से हैं और 31 सदस्य 28 राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेशों की विधानसभा (दिल्ली, पुडुचेरी और जम्मू और कश्मीर) से हैं।

जीएसटी परिषद का गठन

इसमें एक अध्यक्ष होता है जो केंद्रीय वित्त मंत्री होता है

उपाध्यक्षः  कोई एक राज्य सरकार का मंत्री हमेशा  इसका उपाध्यक्ष होता है। वह परिषद के सदस्यों द्वारा चुना जाता है और उसकी अवधि सदस्य गण तय करते  हैं।

अन्य सदस्य

  • राजस्व या वित्त के प्रभारी केंद्रीय राज्य मंत्री
  • प्रत्येक राज्य सरकार द्वारा सदस्य के रूप में मनोनीत,  वित्त या कराधान के प्रभारी मंत्री या कोई अन्य मंत्री
  • केंद्रीय उत्पाद और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) के अध्यक्ष, जीएसटी परिषद की सभी कार्यवाही के लिए एक स्थायी आमंत्रित  सदस्य के रूप में लेकिन उसे मतदान का अधिकार नहीं होता है

केंद्रीय वित्त मंत्रालय में सचिव (राजस्व) जीएसटी परिषद के पदेन सचिव हैं

जीएसटी परिषद में निर्णय

  • जीएसटी परिषद में निर्णय या तो सर्वसम्मति से या मतदान द्वारा लिया जाता है।
  • जीएसटी परिषद में निर्णय भारित मतों के कम से कम तीन-चौथाई मतों के बहुमत से लिए जाते हैं।
  • केंद्र के पास डाले गए कुल वोटों का एक-तिहाई वेटेज है और सभी राज्यों को मिलाकर दो-तिहाई वेटेज है।
  • जीएसटी के पिछले पांच वर्षों मेंपरिषद ने सर्वसम्मति के आधार पर सभी निर्णय लिए हैंलॉटरी पर लेवी को छोड़करजिसमें दिसंबर 2019 में मतदान हुआ था।

जीएसटी परिषद के कार्य

  • जीएसटी परिषद सर्वोच्च निकाय है जो कई कार्य करती है जैसे जीएसटी में शामिल वस्तुओं और सेवाओं की कराधान दर के संबंध में केंद्र और राज्य को सिफारिश करना
  • सुझाव देना की  जीएसटी के 5 स्लैब में किन वस्तुओं और सेवाओं को शामिल किया जाना है ,आदि
  • परिषद को पांच साल की अवधि के लिए जीएसटी की शुरूआत के कारण होने वाले राजस्व के नुकसान के लिए राज्यों को मुआवजे की भी सिफारिश करता है।

जीएसटी परिषद का मुख्यालय: नई दिल्ली

https://www.testwale.com/current-affairs/hinidi/supreme-court-says-gst-council-not-binding-on-center-or-state/

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